राज्यसभा से आम आदमी पार्टी के तीन सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन सांसदों में आम आदमी पार्टी के दो सांसद संदीप पाठक और सुशील गुप्ता भी शामिल हैं। इनके अलावा निर्दलीय सांसद अजीत कुमार भुइयां के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है। इससे पहले बुधवार को संजय सिंह को भी निलंबित किया गया था। इस तरह राज्यसभा की तीन दिनों की कार्रवाई में ही 23 सांसद सस्पेंड किए गए हैं। संजय सिंह के अलावा आज सस्पेंड किए गए तीन सांसदों को इस सप्ताह तक के लिए निलंबित किया गया है। अगले सप्ताह यानी सोमवार से ये सांसद सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे।


इसके अलावा मंगलवार को जिन 19 सांसदों को निलंबित किया गया था, उनके खिलाफ भी मौजूदा सप्ताह के लिए ही कार्रवाई की गई है। इससे पहले लोकसभा से 4 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है। इन सांसदों को दुर्व्यवहार के लिए निलंबित किया गया है। पहली बार में राज्यसभा के जिन सांसदों को निलंबित किया गया था, उनमें सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेना, शांतनु सेन, अभि रंजन बिस्वार और मोहम्मद नदीमुल हक शामिल हैं। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें टीएमसी के 7 और डीएमके के 6 सांसद शामिल हैं।


निलंबन के बाद से ही सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं। टीएमसी की ओर से निलंबन की कार्रवाई के बाद ट्वीट किया गया था, 'आप हमें निलंबित कर सकते हैं, लेकिन आवाज को चुप नहीं करा सकते।' टीएमसी ने कहा कि हमारे सांसद जनता के मुद्दों को उठाना चाहते थे और इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। टीएमसी का कहना था कि कब तक ऐसा चलेगा। संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सीपीआई के सांसद बिनॉय विस्वाम ने कहा था कि सरकार चाहती है कि संसद विपक्ष से पूरी तरह से मुक्त हो जाए।









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